kanchan singla

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एक भूल

भूली बिसरी यादें एक भूल ही तो हैं
जिंदगी से गमों का मिल जाना और 
फिर मिलकर बिछड़ जाना 
एक भूल ही तो है।

कुछ भी पसंद आने पर उसे
पाने की जिद करना और 
ना मिलने पर मचल जाना
एक भूल ही थी।

कुछ वादें कर देना 
कुछ सपने बुन लेना
और उन्हें पूरा नहीं कर पाना
एक भूल ही तो है।

स्वार्थ में जीवन जीना और
अपनों की उपेक्षाओं को ना उम्मीद कर देना
फिर जीवन के एक एक क्षण को याद कर पछताना
वह भूल ही तो थी मेरी।।

# प्रतियोगिता दिनांक - 28 मार्च २०२२
# कॉपीराइट लेखिका कंचन सिंगला
# एक भूल 

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4 Comments

Abhinav ji

29-Mar-2022 08:13 AM

Very nice

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Punam verma

29-Mar-2022 07:39 AM

Nice very nice

Reply

Gunjan Kamal

29-Mar-2022 07:24 AM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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